डार्क वेब की एक ताजा खबर सामने आयी है। अमेरिका में 40 वर्षीय भारतीय नागरिक को ‘डार्क वेब मार्केटप्लेस’ पर प्रतिबंधित पदार्थ बेचने के मामले में पांच साल कारावास की सजा सुनाई गई है और उससे लगभग 15 करोड़ अमेरिकी डॉलर जब्त किए जाने का आदेश दिया गया है।
आप सोच रहे होंगे आखिर यह डार्क वेब है क्या ?? आपको बता दें की डार्क वेब इंटरनेट का वह हिस्सा है, जहां तक आम सर्च इंजन नहीं पहुंच पाता और इस तक विशेष वेब ब्राउजर के जरिए ही पहुंचा जा सकता है। यानी अगर आपको डार्क वेब इस्तेमाल करना है तो आपको खास तरह का ब्राउज़र चाहिए होगा। ध्यान रहे यह बहुत ही खतरनाक हो सकता है , इससे काफी बड़े बड़े वायरस आपके सिस्टम में प्रवेश कर सकते है।
बता दें हल्द्वानी के बनमीत सिंह को अमेरिका के अनुरोध पर अप्रैल 2019 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था।उसे मार्च 2023 में अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया। उसने प्रतिबंधित पदार्थों को बचने और धनशोधन की साजिश के आरोपों को जनवरी में स्वीकार किया। बता दें प्रतिबंधित पदार्थ आम तौर पर ऐसी दवा या रसायन होता है जिसका निर्माण और उपयोग सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
अदालती दस्तावेजों और अदालत में दिए गए बयानों के अनुसार, बनमीत ने फेंटेनाइल, एलएसडी, एक्स्टसी, जैनैक्स, केटामाइन और ट्रामाडोल जैसे नियंत्रित पदार्थ बेचने के लिए सिल्क रोड, अल्फा बे, हंसा समेत कई अन्य डार्क वेब मार्केटप्लेस पर विक्रेता विपणन साइट बनाईं।
ग्राहकों ने इन साइट का उपयोग करके सिंह से ऑर्डर की गई दवाओं के लिए क्रिप्टोकरेंसी के जरिए भुगतान किया। इसके बाद सिंह ने व्यक्तिगत रूप से यूएस मेल या अन्य शिपिंग सेवाओं के माध्यम से यूरोप से अमेरिका तक दवाओं की खेप पहुंचाने की व्यवस्था की।
एक अधिकारी ने बताया कि इस काम के जरिए बनमीत ने करीब 15 करोड़ अमेरिकी डॉलर कमाए।