वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश को समर्पित चतुर्थी व्रत का पालन किया जाता है। बता दें कि भगवान गणेश बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता माने जाते हैं। ऐसे में संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की उपासना करना बड़ी ही फलदायी होती है। तो आइए जानते हैं आषाढ़ माह का पहला संकष्टी चतुर्थी का व्रत किस दिन रखा जाएगा।
कहते हैं कि जो व्यक्ति आज संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत करता है, उसके जीवन में चल रही सभी समस्याओं का समाधान निकलता है और उसके सुख- सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस दिन भगवान गणेश की आराधना करने से बुद्धि, समृद्धि और खुशहाल जीवन का आशीर्वाद मिलता है। जो भी भक्त सच्चे मन से संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखकर भगवान गणेश की पूजा विधिपूर्वक करता है बप्पा उसकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ति करते हैं।
संकष्टी चतुर्थी 2024 मुहूर्त
संकष्टी चतुर्थी वाले दिन सुबह से लेकर दोपहर 02:32 बजे तक श्रवण नक्षत्र है. उस दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:05 ए एम से 04:45 ए एम तक और अभिजीत मुहूर्त 11:56 ए एम से दोपहर 12:52 पी एम तक है।
संकष्टी चतुर्थी के दिन चर-सामान्य मुहूर्त 08:54 ए एम से 10:39 ए एम तक, लाभ-उन्नति मुहूर्त 10:39 ए एम से 12:24 पी एम तक और अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त 12:24 पी एम से 02:09 पी एम तक है।
ऐसे करें बप्पा की पूजा
- संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- अपने घर के मंदिर या पूजा स्थान को साफ करें और सजाएं।
- भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें और उन्हें फूल, फल, मिठाई और दीपक अर्पित करें।
- गणेश चतुर्थी स्तोत्र या गणेश मंत्र का पाठ करें।
- धूप जलाएं और आरती करें।
- गणेश चतुर्थी स्तोत्र या गणेश मंत्र का पाठ करें। मंत्र – वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर।।
- गणेश जी को प्रिय वस्तुएं जैसे कि मोदक, लड्डू और बेसन के लड्डू का भोग लगाएं।
- भगवान गणेश से अपनी मनोकामना व्यक्त करें।
करें ये खास उपाय
- संकष्टी चतुर्थी के दिन निर्जला व्रत रखें या केवल एक बार फलाहार करें।
- दिन भर भगवान गणेश का ध्यान करें।
- शाम को व्रत का पारण करें और भोजन ग्रहण करें।
- इन उपायों को करने से भगवान गणेश आपसे प्रसन्न होंगे और आपको सुख, समृद्धि और सफलता प्रदान करेंगे।