Ujjain RAIPUR TIMES उज्जैन. विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दरबार में सावन मास के दौरान हर सोमवार को रात ढाई बजे मंदिर के पट खोले जाएंगे। वहीं सावन में पूरे माह 3 बजे मंदिर खुलेगा। प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि सावन-भादै मास में मंदिर के खुलने का समय परिवर्तित रहता है। 14 जुलाई से सावन शुरू हो रहा है। भस्म आरती हर दिन तडक़े 3 बजे से आरंभ होगी, वहीं हर सोमवार रात 2.30 बजे मंदिर के पट खुलेंगे।
Ujjain सोमवार को भगवान महाकाल भक्तों को लगभग 20 घंटे दर्शन देंगे। महाकाल की नगरी उज्जैन में सावन मास का विशेष महत्व होता है। देश-विदेश से श्रद्धालु यहां बड़ी संख्या में आते हैं। बता दें सामान्य दिनों में भस्म आरती के लिए मंदिर तडक़े 4 बजे खुलता है, लेकिन सावन-भादौ में व्यवस्था बदल जाती है। रात 11 बजे शयन आरती के बाद पट बंद होंगे। पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया कि सावन में बाबा महाकाल 2 घंटे पहले जागते हैं। शाम 5 बजे होने वाली संध्या आरती भी सोमवार को सवारी होने के कारण दोपहर 3 बजे संपन्न होगी। 18 जुलाई को बाबा महाकाल की पहली सवारी निकाली जाएगी।
शुरू हो गया शिव का प्रिय महीना सावन…हो गई तैयारी पूरी
भगवान महाकाल की नगरी में सावन का उल्लास आज से नजर आएगा। शिव का अतिप्रिय सावन मास गुरुवार से आरंभ हो गया है। बाबा महाकाल सहित शहर के अनेक शिवालयों में आस्था सैलाब नजर आएगा। महाकाल मंदिर के आसपास भी तैयारी पूरी हो चुकी है। सवारी में जिन रथों को क्रमानुसार जोड़े जाना हैं, उनकी साफ-सफाई और रंग-रोगन का कार्य भी चल रहा है। चारों तरफ बैरिकेड्स लगाए गए हैं। दर्शनार्थियों का हुजूम भी बाबा के दरबार में नजर आ रहा है।
इस वर्ष कुल छह सवारियां
Ujjain भगवान महाकाल की हर साल सावन-भादौ मास में सवारी निकाली जाती है। इसी क्रम में इस वर्ष कुल छह सवारियां निकाली जाएंगी। साथ ही इस बार परंपरागत मार्ग से ही बाबा की पालकी निकाली जाना है। दो वर्षों से कोरोना के कारण बदले हुए मार्ग से सवारी निकाली जा रही थी, लेकिन इस वर्ष परंपरागत मार्ग से सवारी निकाले जाने की चर्चा है। चांदी की पालकी में विराजमान होकर भगवान महाकाल भक्तों को दर्शन देने नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि जिला एवं पुलिस प्रशासन की ओर से सवारी की तैयारियां चल रही हैं।
इन मार्गों से निकलेगी पालकी
Ujjain बाबा महाकाल की पहली सवारी 18 जुलाई को निकलेगी। सवारी मंदिर से आरंभ होकर गुदरी, कहारवाड़ी, हरसिद्धि पाल, रामानुजकोट, रामघाट पहुंचेगी, जहां क्षिप्रा के जल से जलाभिषेक, आरती-पूजन होगा। इसके बाद सवारी पुन: आगे के लिए रवाना होगी। कार्तिक चौक, ढाबा रोड, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी होते हुए पुन: मंदिर पहुंचेगी।
5 नंबर गेट वीआईपी-प्रेस-पुजारी-पुरोहितों के लिए
पुजारी-पुरोहित, प्रेस-मीडिया और वीआईपी को 5 नंबर गेट से प्रवेश दिया जाएगा। यहां से वे सीधे मंदिर परिसर रैम्प होते हुए नंदी हॉल के पीछे बने बैरिकेड्स से दर्शन करेंगे।
बड़े गणेश के सामने से आम भक्तों को प्रवेश
आम दर्शनार्थियों को बड़े गणेश मंदिर के सामने से ही प्रवेश दिया जाएगा। वर्तमान में जिस मार्ग से होकर वे मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं, उसी मार्ग से उनको प्रवेश और निर्गम किया जाएगा।
1500 की रसीद वाले नंदी हॉल तक
Ujjain सावन-भादौ मास में गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। इस वजह से 1500 की रसीद से दर्शन करने वाले दर्शनार्थियों को नंदी हॉल तक लाया जाएगा। यहां उनके हाथ से जल का पात्र छुआकर बाबा पर अर्पित किया जाएगा। इसके बाद उन्हें काले गेट या रैम्प से बाहर निकाला जाएगा। नंदी हॉल में इसके लिए नए बैरिकेड्स लगाए जाएंगे।