रायपुर। Hareli Tihar 2022 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को हरेली तिहार की बधाई और शुभकामनाएं दी है। हरेली की पूर्व संध्या पर आज यहां जारी अपने शुभकामना संदेश में बघेल ने कहा है कि हरेली छत्तीसगढ़ के जन-जीवन में रचा-बसा खेती-किसानी से जुड़ा पहला त्यौहार है। इसमें अच्छी फसल की कामना के साथ खेती-किसानी से जुड़े औजारों की पूजा की जाती है। इस दिन धरती माता की पूजा कर हम भरण पोषण के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं।
CM ने कहा कि गांव-गांव में हरेली के पर्व को बड़े उत्साह और उमंग से मनाया जाता है। नागर, गैंती, कुदाली, फावड़ा समेत कृषि के काम आने वाले सभी तरह के औजारों की साफ-सफाई और पूजा की जाती है। पारंपरिक तरीके से लोग गेड़ी चढ़कर हरेली की खुशियां मनाते हैं। प्राचीन मान्यता के अनुसार सुरक्षा के लिए घरों के बाहर नीम की पत्तियां लगाई जाती हैं। छत्तीसगढ़ की इस गौरवशाली संस्कृति और परम्परा को सहेजने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने हरेली त्यौहार के दिन सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया है।
छत्तीसगढ़ की ‘हरेली’, बूझो एक पहेली 🤔
क्या आप जानते हैं, हरेली में घरों के दरवाजों पर नीम की टहनियां क्यों लगाई जाती है?
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— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) July 27, 2022
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की प्राचीन संस्कृति और परंपरा हमारा गौरव है। छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी संस्कृति और परम्परा को सहेजने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। हरेली के दिन ही दो साल पहले प्रदेश की महत्वाकांक्षी और अनूठी ‘गोधन न्याय योजना’ का शुभारंभ हुआ है। यह खुशी की बात है कि ‘गोधन न्याय योजना’ योजना ने गांवों की अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत और नया आधार तैयार किया हैै
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योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों से पिछले दो सालों में 150 करोड़ रूपये से अधिक की गोबर खरीदी की गई है। इससे स्व-सहायता समूहों द्वारा अब तक 20 लाख क्विंटल से अधिक जैविक खाद तैयार किया जा चुका है,जिसके चलते प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। इससे पशुधन के संरक्षण, संवर्धन और तरक्की की राह भी खुली है।वर्मी खाद के निर्माण और विक्रय से महिला स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को 143 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान किया जा चुका है।
हमारे पर्व हमारी समृद्ध संस्कृति का प्रतीक हैं। आइए अंचल के पहले पर्व 'हरेली तिहार' के उल्लास को सोशल मीडिया के माध्यम से साझा करने के लिए #MorHareli प्रोफाईल फोटो फ्रेम लगा कर, छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान को महसूस करें। प्रोफाईल फोटो बनाने के लिए क्लिक करें 👇https://t.co/0SFJI3tLiN pic.twitter.com/o8AHMIQbXH
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CM ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना, गोधन न्याय योजना, और रोका-छेका अभियान लागू कर पारंपरिक संसाधनों को पुनर्जीवित कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया जा रहा है। गौठानों को ग्रामीण आजीविका केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। इस साल हरेली के दिन से गौठानों में 4 रूपए प्रति लीटर की दर से गो-मूत्र की खरीदी की शुरूआत की जा रही है
इससे प्रदेश में जैविक खेती और आर्थिक सशक्तिकरण के नए अध्याय की शुरूआत होगी। गो-मूत्र से महिला स्व-सहायता समूह की मदद से जीवामृत और कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किये जाएंगे। इससे ग्रामीणों को रोजगार और आय के नया जरिया मिलने के साथ जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा और कृषि लागत कम होग