RAIPUR TIMES दृढ़ संकल्प हो तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। राजस्थान के टोंक जिले के देवली के रहने वाले दीपक कुमावत ने इस बात को सच कर दिखाया है।परिवार की गरीबी और अन्य चुनौतियों के बीच उसने अपने पायलट बनने का सपना साकार किया। दीपक का हाल ही में एलाइंस एयर एविएशन लिमिटेड में को- पायलट के रूप में चयन हुआ हैं। चयन के बाद परिवार और समाज में खुशी का माहौल है। वहीं माता पिता अपने बेटे की सफलता पर फूले नहीं समा रहे हैं। दीपक की मेहनत ने परिजनों का सीना चौड़ा कर दिया हैं।
दीपक की मां गृहणी है, जिन्होंने अपने बच्चों को सिलाई कर पढ़ाया-लिखाया। अब अपने पुत्र को हवाई जहाज उड़ाते देख उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। दीपक चार बहनों में इकलौता भाई है, जिसकी सफलता पर हर कोई गर्व कर रहा है।
दीपक के बहनोई व्याख्याता हरिराम कुमावत ने बताया कि दीपक फिलहाल दिल्ली में है, जो अभी एक माह की ट्रेनिंग पर है। इसके बाद उन्हें फ्लाइट दे दी जाएगी। लेकिन पायलट बनने के पीछे दीपक के साथ कड़े संघर्ष का कहानी जुड़ी हुई है। कड़ी मेहनत और लक्ष्य की एकाग्रता की बदौलत दीपक ने यह सफलता हासिल की है।
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दीपक की शुरू से ही जिद थी कि वह बनेगा तो सिर्फ पायलट बनेगा। दीपक ने देवली की अग्रसेन स्कूल में रहकर ही कक्षा 10 और 12 की पढ़ाई की है। इसी अवधि में दीपक ने अपने मन में पायलट बनने की ठान ली। हालांकि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से दीपक ने अपना सपना किसी को नहीं बताया। लेकिन लक्ष्य निर्धारित कर दीपक ने मन ही मन तैयारी शुरू कर दी। बहनोई हरिराम ने बताया कि कक्षा 12 में दीपक ने मैथ्स विषय के साथ तैयारी शुरू कर दी। इसके बाद वह दिल्ली चला गया और अपनी पढ़ाई की तैयारी में जुट गया।