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महिला बाल विकास विभाग में व्याप्त पर्यवेक्षकों की वेतन विसंगति पर शासन मौन

महिला बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षक विगत 30 वर्षों से वेतन विसंगति से जूझ रहे हैं। इस दिशा में हर संभव प्रयास करने के बावजूद आज पर्यंत सफलता नही मिली है, मिला है तो सिर्फ आश्वासन।इस ओर पहल करते हुए पर्यवेक्षक संघ भी मैदान में उतर चुका है और 20 फरवरी 2023 को एक दिवसीय प्रान्त स्तरीय सांकेतिक हड़ताल राजधानी में की गई। जहाँ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा जी ने स्वयं उपस्थित होकर शानदार उदबोधन के साथ पर्यवेक्षकों का समर्थन दिया। साथ ही सी. एल. दुबे, तृतीय वर्ग के संरक्षक अजय तिवारी,महामंत्री उमेश मुदलियार प्रवक्ता विजय झा एपेक्स नेता सत्येंद्र देवांगन ने भी समर्थन दिया।

शासन द्वारा कोई प्रतिक्रिया ना दिये जाने के कारण 27.2.23 से पर्यवेक्षक द्वारा काली पट्टी लगाकर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया था किंतु अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में नारी शक्ति सम्मान और सशक्तिकरण के लिए विभाग द्वारा महिला मड़ई का आयोजन किया गया है इसलिए शासन के हित में निर्णय लेते हुए 4 मार्च तक काली पट्टी बांधकर विरोध करना स्थगित किया गया।

आज 27.2.23 को प्रत्येक जिले में सभी पर्यवेक्षक ने संघ के आह्वान पर एक सूत्रीय मांग वेतन विसंगति दूर करने के लिए जिलाधीश कार्यालय में उपस्थित होकर सभी जिलों में जिलाधीश को मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन सौंपा और इस दिशा में शीघ्र निर्णय लेने के लिए निवेदन किया है। राजधानी रायपुर में जिलाधीश महोदय को प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती ऋतु परिहार , सह सचिव श्रीमती आशा पात्र जिलाध्यक्ष ममता गायकवाड तृतीय वर्ग के संरक्षक अजय तिवारी जी महामंत्री उमेश मुदलियार जिला सचिव बी आर वर्माऔर अन्य महिला पदाधिकारी उपस्थित हुए ।

शीघ्र वेतन विसंगति दूर नही करने की स्थिति में पर्यवेक्षक संघ द्वारा 3 से 5 दिवसीय हड़ताल किये जाने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है। इसके पश्चात भी उचित परिणाम प्राप्त न होने पर अनिश्चित कालीन हड़ताल और भूख हड़ताल किया जाएगा। हमारी मंशा कार्य रोकने की नही किन्तु शासन का ध्यान आकृष्ट करना है।

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