RAIPUR TIMES अभी-अभी साउथ फिल्म इंडस्ट्री दुखद खबर सामने आई है. South film actor-director death : साउथ फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता-निर्देशक प्रताप पोथेन का निधन हो गया है. उन्होंने 70 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार, एक्टर प्रताप पोथेन (Actor Pratap Pothen)अपने फ्लैट पर मृत पाए गए. प्रताप पोथेन के अचानक हुए निधन से हर कोई हैरान है. उनके फैंस समेत हर कोई इस खबर से सदमे में हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो उनका शव शुक्रवार 15 जुलाई को उन्हीं के घर पाया गया है. प्रताप पोथेन की मौत किस तरह हुई, फिलहाल इस बारे में कोई ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई.
काफी समय से बीमार थे
वहीं, खबरों की मानें तो अभिनेता प्रताप पोथेन पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे. ऐसे में ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि बीमारी के चलते ही उनकी मौत हुई है. प्रताप पोथन ने मार्थंडन और शिवलापेरी पांडी सहित कई फिल्मों का निर्देशन किया है. इसके अलावा उन्होंने तमिल, तेलुगु, मलयालम और हिंदी भाषाओं में करीब 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है. आपको ये भी बता दें किउन्होंने पन्नीर पुष्पमंगल, आलियाथा गोलामंगल, मुदु बानी जैसी तमिल फिल्मों का निर्देशन भी किया हैं.
READ MORE- रायपुर : मर गई इंसानियत गाय के पैर बांधकर युवक ने किया रेप,आरोपी गिरफ्तार .
साउथ की इस फिल्म से हुई करियर की शुरूआत
प्रताप पोथेन ने साल 1985 में ‘मीदुम ओरु कथल कथाई’ फिल्म के साथ निर्देशन में कदम रखा था.इस फिल्म में एक मानसिक रूप से अस्वस्थ जोड़े की कहानी दिखाई गई, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार भी नवाजा चुका है. उन्होंने मलयालम भाषा में भी 3 फिल्मों का निर्देशन किया था. जिसमें रितुभेडम, डेजी और ओरु यत्रमोझी शामिल है.
निर्देशन में राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके थे पोथेन
बताया जा रहा है कि प्रताप पोथेन मोहनलाल के निर्देशन में बनने वाली आगामी फिल्म ‘बरोज: निधि कक्कुम भूतम’ (Barroz: Nidhi Kaakkum Bhootham) की शूटिंग कर रहे थे. उन्हें ‘ठकारा’ (Thakara), ‘चामाराम’ (Chamaram), ’22 फीमेल कोट्टायम’ (22 Female Kottayam) के बेहतरीन काम के लिए जाना जाता है. पोथेन की आखिरी निर्देशित फिल्म 1997 में मोहनलाल और शिवाजी गणेशन स्टारर ‘ओरु यत्रमोझी’ (Oru Yathramozhi) है. वे मलयालम, तमिल और तेलुगू के साथ-साथ हिंदी फिल्मों में भी दिखाई दिए. उन्होंने 1985 की फिल्म मीनदम ‘ओरु कथल कथाई’ (Meendum Oru Kaathal Kathai) के निर्देशन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था.