Har Har Shambhu Song : नई दिल्ली। सावन के पावन महीने में देवाधिदेव महादेव के कई सारे गाने ट्रेंड हो रहे हैं। इसके साथ ही इस बीच जो गाना सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है वो है ‘हर-हर शंभु’। इस गाने को देश के हर कोने में सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है। सुर्खियों के साथ ही ये गाना अब विवादों में घिर गया है। दरअसल ‘हर-हर शंभु’ गाने की गायिका एक मुसलमान है। इस गाने के चर्चा में आने के बाद ‘हर हर शंभू’ भजन गाने पर यूट्यूब सिंगर फरमानी नाज विवादों में आ गई हैं।
विवादों में घिरी फरमानी नाज
बता दें कांवड़ यात्रा के दौरान ‘हर हर शंभू’ भजन गाने पर यूट्यूब सिंगर फरमानी नाज farmani naaz इन दिनों गंभीर विवादों में घिर गई हैं। इस गाने को लेकर फरमानी नाज को देवबंदी उलेमा ने नसीहत देते हुए कहा है कि इस्लाम में किसी भी तरह का गाना नहीं गाना चाहिए, ये इस्लाम के खिलाफ है। इसलिए फरमानी को इससे तौबा करनी चाहिए। फरमानी ने इसके जवाब में कहा कि वे एक कलाकार हैं, ऐसे में उन्हें हर तरह के गीत गाने पड़ते हैं।
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मां ने किया समर्थन
Har Har Shambhu Song : इस बीच फरमानी नाज की मां ने भी अपनी बेटी का समर्थन किया। फरमानी की मां का कहना है कि कांवड़ यात्रा में बेटी ने गाना गाया था। एतराज तो लोग करते ही हैं कि मुसलमान की लड़की हिंदू भगवान का गाना गा रही है, लेकिन उसे हर तरह के गाने गाने पड़ते हैं। अपने बच्चे को पालने के लिए तो उसे सब कुछ करना ही पड़ेगा। इसके साथ ही फरमानी की मां ने कहा कि वह भजन भी गाती है। कव्वाली भी गाती हैं। यह बात लोगों को अच्छी नहीं लग रही है, इसलिए बोल रहे हैं, वह इसी से अपने बच्चे को पाल रही है।
इसके बाद फरमानी नाज की मां ने बताया कि इस गाने को लेकर मंत्री संजीव बालियान ने हमारी बेटी को सम्मानित भी किया और उसके बच्चे का इलाज कराने में भी मदद की।
किस धर्म से है सोचकर नहीं गाते गाना
इस दौरान ‘हर-हर शंभु’ की गायिका फरमानी नाज ने कहा कि हम गरीब लोग हैं। पति ने छोड़कर दूसरी शादी कर ली है। हम गाने गाकर ही परिवार चला रहे हैं। ‘हर हर शंभू’ भजन को स्टूडियो से निकाला है। हम कभी यह सोचकर नहीं गाते कि हम किस धर्म से हैं। हम कलाकार हैं। यूट्यूब पर हमारा कव्वाली का भी चैनल है. भक्ति का भी चैनल है। सभी तरह के गाने गाते हैं।
मुसलमान होने के बावजूद ऐसे गाने गाना गुनाह है -मुफ्ती असद कासमी
Har Har Shambhu Song : इसपर मुफ्ती असद कासमी ने बयान दिया है कि, ‘देखिए इस सिलसिले में यही कहूंगा कि इस्लाम में शरीयत के अंदर कोई भी किसी भी तरह का गाना गाना जायज नहीं है। मुसलमान होते हुए अगर कोई गाना गाता है तो यह गुनाह है। किसी भी तरीके के गाने हों, उनसे फरहेज करना चाहिए, उनसे बचना चाहिए। फरमानी नाम की महिला ने गाना गाया है। यह शरीयत के खिलाफ है। मुसलमान होने के बावजूद ऐसे गाने गाना गुनाह है। महिला को इससे परहेज करना चाहिए, तौबा करनी चाहिए।’