वट सावित्री व्रत (उपवास) विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखती हैं। इसके अलावा, जो महिलाएं संतान प्राप्ति में असमर्थ हैं, उन्हें इस व्रत को रखने से संतान की प्राप्ति होती है। धार्मिक कथाओं के अनुसार, वट सावित्री व्रत को विशेष शुभ समय, राशि या नक्षत्र के दौरान करने से इसका फल कई गुना बढ़ जाता है और व्रत का फल शीघ्र और खुशी से मिलता है। वर्ष 2024 में मनाया जाने वाला वट सावित्री व्रत विशेष महत्व रखता है।
Vat Savitri puja Vidhi
साल 2024 में वट सावित्री व्रत 6 जून ज्येष्ठ अमावस्या को होगा. इस दिन महिलाएं अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए इस व्रत को करती हैं. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार साल 2024 में होने वाला वट सावित्री व्रत रोहिणी नक्षत्र में होगा. धर्म ग्रंथों के अनुसार रोहिणी नक्षत्र बहुत ही शुभ माना गया है. कहा जाता है कि रोहिणी नक्षत्र में ही भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था और इस नक्षत्र में होने वाला कोई भी शुभ कार्य व्यक्ति को कई गुना फल देता है. धार्मिक ग्रंथों में रोहिणी नक्षत्र को बहुत ही शुभ नक्षत्र बताया गया है.
धर्म ग्रंथों के जानकार पंडित श्रीधर शास्त्री ने बताया कि साल 2024 में होने वाला वट सावित्री व्रत बहुत ही खास है. इस बार यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष फलदाई होगा. क्योंकि व्रत और व्रत की विधि रोहिणी नक्षत्र में होगी. रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. इसलिए इस नक्षत्र में किया हुआ कोई भी कार्य शुभ और विशेष फल देने वाला है. इस व्रत को करने से जहां महिलाओं के सुहाग का स्वास्थ्य बेहतर होगा तो वहीं उनकी उम्र भी बड़ के पेड़ के जैसे लंबी होगी. साथ ही अगर वह संतान प्राप्ति चाहती हैं तो उन्हें शीघ्र अति शीघ्र संतान की प्राप्ति भगवान श्री कृष्ण की कृपा से हो जाएगी.