कनाडा में स्थित बब्बर खालसा के लखबीर सिंह लांडा को गृह मंत्रालय ने आतंकवादी घोषित कर दिया है. गृह मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि लांडा कनाडा स्थित खालिस्तान समर्थक तत्वों के साथ जुड़ा हुआ था, जिसमें सिख्स फॉर जस्टिस के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू और खालिस्तान टाइगर फोर्स के नेता हरदीप सिंह निज्जर सहित अन्य शामिल थे.
सितंबर 2023 में एनआईए ने हरविंदर सिंह संधू उर्फ ”रिंडा” और लखबीर सिंह संधू उर्फ ”लांडा” सहित बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के पांच कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने के लिए इनाम देने की घोषणा भी की थी.
रिंदा और लांडा प्रत्येक के लिए ₹10 लाख
परमिंदर सिंह कैरा उर्फ ”पट्टू”, सतनाम सिंह उर्फ ”सतबीर सिंह” उर्फ ”सट्टा” और यादविंदर सिंह उर्फ ”यद्दा” प्रत्येक के लिए ₹5 लाख नकद इनाम की घोषणा की थी.
एनआईए के प्रवक्ता ने कहा था कि ये पांच आतंकवादी भारत की शांति, सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और पंजाब राज्य में आतंक फैलाने के उद्देश्य से बीकेआई की आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े हैं. पांचों आतंकवादी मौद्रिक लाभ का वादा करके बीकेआई के नए सदस्यों को भर्ती करने में लगे हुए हैं.
कौन हैं लखबीर सिंह लांडा?
लखबीर सिंह लांडा पंजाब के तरनतारन का रहने वाला है. अब माना जा रहा है कि लांडा कनाडा के अलबर्टा में रह रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह 2017 में कनाडा भाग गया था.
वह पाकिस्तान स्थित गैंगस्टर से आतंकवादी बने हरविंदर सिंह का करीबी सहयोगी है. कनाडा में बसने के बाद लांडा ने खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठन ‘बीकेआई’ से हाथ मिला लिया.
जुलाई 2011 में लांडा के खिलाफ हरिके पत्तन में आर्म्स एक्ट के तहत हत्या का पहला मामला दर्ज किया गया था. तब से उसके खिलाफ हत्या, ड्रग तस्करी आदि सहित कुल 18 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं.
कनाडा भागने से पहले पंजाब पुलिस ने उसके खिलाफ मोगा में अपहरण के आरोप में आखिरी मामला दर्ज किया था.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि लखबीर सिंह मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) हमले का मुख्य साजिशकर्ता था.
यह भी माना जाता है कि लांडा अमृतसर में एक सब-इंस्पेक्टर की कार के नीचे इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) लगाने में मुख्य साजिशकर्ता है.