Nirmala Sitharaman: केंद्र सरकार ने 18 जुलाई को 25 केजी से कम के पैकेज्ड और लेबलयुक्त दूध, दही, दाल, आटा जैसे रोजमर्रा का सामानों पर 5 फीसदी GST लागू कर दिया है। इसके बाद पहले से महंगाई की मार से त्रस्त आम आदमी का खर्च और बढ़ गया है। इन उत्पादों पर आखिर जीएसटी क्यों लगाया गया? इसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक के बाद एक लगातार 14 ट्वीट कर समझाया है।
सीतारमण ने अपने अगले Tweet में कहा कि खाद्य पदार्थों पर कर लगाना नया नहीं है। उन्होंने लिखा, क्या यह पहली बार है, जब इस तरह के खाद्य पदार्थों पर कर लगाया जा रहा है? नहीं, राज्य जीएसटी व्यवस्था शुरू होने से पहले खाद्यान्न से महत्वपूर्ण राजस्व एकत्र कर रहे थे। अकेले पंजाब ने खरीद कर के रूप में खाद्यान्न पर 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की, जबकि उत्तर प्रदेश ने 700 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
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वित्तमंत्री ने ट्वीट में कहा है कि लिस्ट में दिए गए सामान पर किसी भी तरह का जीएसटी नहीं लगेगा, अगर ये बिना पैकिंग या लेबल के बेचे जा रहे हों। अगर इन चीजों को लेबल के साथ बेचा जाता है तो इन पर 5 फीसदी की दर से जीएसटी लागू होगा। उन्होंने कहा कि इन खाद्य पदार्थों पर से जीएसटी हटाने का फैसला किसी एक व्यक्ति ने नहीं, बल्कि पूरे जीएसटी काउंसिल ने एक प्रक्रिया के तहत लिया है।
This was a unanimous decision by the GST Council. All states were present in GST Council when this issue was presented by the Group of Ministers on Rate Rationalisation in the 47th meeting held in Chandigarh on Jun 28, 2022. (11/14)
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) July 19, 2022
जीएसटी से मुक्त सामानों की लिसट डाली
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 14 ट्वीट में कुछ जरूरी अनाजों की सूची पोस्ट कर उनसे जीएसटी हटाए जाने की जानकारी साझा की है। वित्त मंत्री ने लिखा कि इन खाद्य पदार्थों को खुले में बेचने पर उन पर किसी भी तरह का जीएसटी चार्ज नहीं लगेगा। यानी आप अगर इन्हें खुले में खरीदेंगे तो किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसमें दाल, गेहूं, राई, ओट्स, मकई, चावल, आटा, सूजी, बेसन, मूढ़ी, दही और लस्सी जैसे सामान शामिल हैं।
इस कमेटी ने की थी सिफारिश
वित्त मंत्री ने अपने अगले ट्वीट में कहा कि राज्यों द्वारा वसूले जाने वाले कर को ध्यान में रखते हुए, जब जीएसटी लागू किया गया था, तो ब्रांडेड अनाज, दाल, आटे पर 5% की जीएसटी दर लागू की गई थी। हालांकि, जल्द ही इस प्रावधान का दुरुपयोग देखने को मिला और धीरे-धीरे इन वस्तुओं से जीएसटी राजस्व में काफी गिरावट आई। सरकार को फिटमेंट कमेटी ने इस तरह के दुरुपयोग को रोकने के लिए सभी पैकेज्ड और लेबलयुक्त सामानों पर समान रूप से जीएसटी लगाने का प्रस्ताव दिया था।