RAIPUR TIMES Sawan Month and Belpatra
बेलपत्र: भगवान शिव के भक्त अपनी आस्था और भक्ति के अनुसार उनकी पूजा करते हैं। हर कोई भगवान शिव की पूजा में भाग लेता है। सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा का महत्व ऋग्वेद में बताया गया है। श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही भगवान शिव की पूजा शुरू हो जाती है। सावन के महीने में पूरे परिवार सहित भगवान शिव की पूजा की जाती है।
पूजा भोलेनाथ के अभिषेक के साथ शुरू होती है। भोलेनाथ को दूध, पानी, दही, घी, शहद या चीनी, गंगा जल आदि से स्नान कराया जाता है। उसके बाद भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बेलपत्र, समीपत्र, कुश और दूब का भोग लगाया जाता है। अंत में भांग, धतूरा और श्रीफल भगवान को भोग के रूप में चढ़ाया जाता है। भगवान भोलेनाथ की पूजा में बेलपत्र का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं बेलपत्र का महत्व और लाभ।
बेलपत्र या बिल्व वृक्ष का महत्व
Sawan Month and Belpatra शिवलिंग पर बेलपत्र और समिपत्र चढ़ाने का महत्व प्राचीन शास्त्रों में बताया गया है। श्रावण मास में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाया जाता है। एक प्राचीन कथा के अनुसार 89 हजार संतों ने ब्रह्माजी से भोलेनाथ को प्रसन्न करने का उपाय पूछा। ब्रह्माजी ने उन्हें बताया कि जैसे शिवाजी 100 कमल के फूलों से प्रसन्न होते हैं, वैसे ही वे एक नीलकमल को अर्पित करने से प्रसन्न हो सकते हैं। इसी तरह 1 बेलपत्र 1000 नीलकमल के बराबर और 1 समीपात्र 1000 बेलपत्र के बराबर होता है। इन प्रसादों से भगवान शिव अत्यधिक प्रसन्न होते हैं। बेलपत्र भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक सरल उपाय है।