सूरत। Jain society: सूरत के बड़े हीरा कारोबारी धनेश संघवी की बिटिया देवांशी संघवी दीक्षा लेकर साध्वी दिगंतप्रज्ञाश्री बन गई हैं। देवांशी ने बुधवार को किर्तीयश सूरी जी महाराज के सानिध्य में अपनी गुरु साध्वी प्रिस्मीता श्रीजी से 35 हजार लोगों की मौजूदगी में दीक्षा ग्रहण की। देवांशी अपने गुरु के साथ करीबन 600 किमी की पदयात्रा भी कर चुकी हैं।दीक्षा लेने के बाद देवांशी संघवी को साध्वी प्रिसमीता श्रीजी ने साध्वी श्री दिंगत प्रज्ञा श्रीजी नाम दिया। देवांशी की माता अमी संघवी भी धार्मिक प्रवृति की हैं। उसी हिसाब से उन्होंने अपनी बड़ी बेटी देवांशी को धार्मिक संस्कार दिए हैं।
35 हजार लोग बने इस पल के साक्षी
Jain society: सूरत के वेसु इलाके में हुए इस दीक्षा समारोह में करीबन 35 हजार सामाजिक लोगों की मौजूदगी में दीक्षा की विधि पूरी की गई। इससे पहले देवांशी की शोभा यात्रा निकली गई, जिसमें हाथी-घोड़ा और बैंड बाजे के साथ लोग शामिल हुए।
Jain society: सूरत और मुंबई में धनेश करते हैं हीरे का कारोबार
Jain society: धनेश सांघवी राजस्थान के सिरोही जिले के मालगांव के रहने वाले हैं। पिता मोहन भाई संघवी के साथ धनेश भाई संघवी सूरत और मुंबई में संघवी एंड संस के नाम से डायमंड का कारोबार करते हैं। धनेश की गिनती सूरत के बड़े हीरा कारोबारियों में होती है।