Dhanlabh Vastu Tips: जीवन में शायद ही कोई ऐसा इंसान होगा, जो अमीर नहीं बनना चाहेगा लेकिन सबकी यह चाहत पूरी नहीं होती. इसके लिए मां लक्ष्मी और कुबेर देव की कृपा होना बहुत जरूरी होता है. इन दोनों को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक मनुष्य अपने-अपने तरीके से प्रयास करता रहता है. वास्तु शास्त्र में 5 ऐसी चीजों का वर्णन किया गया है, जिन्हें घर पर लाने से मां लक्ष्मी और कुबेर देव अपने आप आपके घर की ओर खिंचे चले आते हैं. आज हम आपको उन्हीं पांचों चीजों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं. आप इन्हें अपने घर लाकर परिवार को समृद्ध बना सकते हैं. आइए जानते हैं कि वे चीजें क्या हैं.
धनवान बनने के लिए घर ले आएं ये 5 चीजें
सिक्के
मां लक्ष्मी और कुबेर देवकी कृपा हासिल करने के लिए आप अपनी तिजोरी या पर्स में 3 सिक्के रखें. आप अपने घर के मंदिर में लाल रिबन से 3 सिक्के बांधकर भी लटका सकते हैं. ऐसा करने से भाग्यफल में बढ़ोत्तरी होती है और परेशानियों से छुटकारा मिलता है.
मछली की मूर्ति
वास्तु शास्त्र के मुताबिक आप सुख-समृद्धि, धन और अच्छे स्वास्थ्यके लिए मछली की चांदी की प्रतिमा बनाकर घर में रख सकते हैं. कहते हैं कि इस प्रकार की प्रतिमा घर में शांति और खुशहाली का मार्ग प्रशस्त करती है. आप चाहें तो दीवार पर मछली के जोड़ों की पेंटिंग भी बनवा सकते हैं.
मंगल कलश
धार्मिक विद्वानों के अनुसार आप धन-वैभव हासिल करने के लिए घर के ईशान कोम में अष्टदल कमल बनाकर मंगल कलश स्थापित कर सकते हैं. फिर उस कलश में जल भरकर उसमें उसमें तांबे का सिक्का डाल दें. इसके पश्चात उसमें नारियल के पत्ते डालकर उसके मुख पर नारियल रख दें. यह उपाय काफी कारगर रहता है.
लक्ष्मी की प्रतीक कौड़ियां
मां लक्ष्मी की कृपा हासिल करने के लिए आप सफेद कौड़ियों को हल्दी के घोल या केसर में भिगोकर सुखा लें. इसके बाद जब उन कौडियों का रंग पीला हो जाए तो उन्हें लाल कपड़े में बांधकर घर की तिजौरी में रख दें. शास्त्रों के अनुसार पीली कौड़ी मां लक्ष्मी का प्रतीक होती है. घर में इस तरह कौड़ियां रखने से धन खिंचकर आने लगता है.
गणेश- लक्ष्मी- कुबेर की मूर्ति
घर में धन का प्रवाह बढ़ाने के लिए मां लक्ष्मी, कुबेर देव और विध्नहर्ता भगवान गणेश की मूर्ति पूजाघर में रखनी चाहिए. इन तीनों देवों की रोजाना विधि विधान से पूजा होनी चाहिए. ऐसा करने से परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ने लगती है और खुशहाली बिखरने लगती है.