योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) शुक्रवार को दिल्ली में एक प्रेस कान्फ्रेंस करेंगे. इसमें वो पतंजलि (PATANJALI) के खिलाफ चल रहे षणयंत्र का पर्दाफाश करेंगे. इसके साथ ही वो आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 तक पतंजलि के स्वर्णिम योगदान का खाका भी बताएंगे. यह प्रेस कान्फ्रेंस दोपहर 12 बजे दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब (Constitution Club of Delhi) में आयोजित की जाएगी. इसमें वो योग, आयुर्वेद, भारतीय शिक्षा एवं चिकित्सा की फिर से प्रतिष्ठा दिलाने के आंदोलन की चर्चा करेंगे. कंपनी के बयान के मुताबिक बाबा रामदेव अगले कुछ सालों में अपनी कंपनियों के आने वाले पांच आईपीओ के बारे में भी जानकारी देंगे.
पतंजलि का निमंत्रण
बाबा रामदेव की पतंजलि की ओर से मीडिया को भेजे गए आमंत्रण में कहा गया है,”हमें यह बताते हुए आनंद हो रहा है कि स्वामी रामदेव नई दिल्ली में 16 सितंबर को एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करेंगे.मजबूत और स्वस्थ भारत की दिशा में पतंजलि और उसके स्वदेशी आंदोलन को बदनाम करने वाली साजिशों का भी इस कॉन्फ्रेंस में पर्दाफाश किया जाएगा.” बताया गया है कि इस प्रेस कान्फ्रेंस में बाबा रामदेव पतंजलि समूह के विजन और मिशन 2047 की रूपरेखा भी रखेंगे.वो भारत को आत्मनिर्भर बनाने में समूह की अगले पांच सालों के लिए पांच प्रमुख प्राथमिकताओं और लक्ष्यों के बारे में बताएंगे.
बाबा रामदेव की आईपीओ लाने की योजना
इससे पहले बाबा रामदेव ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी पतंजलि आयुर्वेद,पतंजलि लाइफस्टाइल, पतंजलि वेलनेस और पतंजलि मेडिसीन के आईपीओ लॉन्च करने की योजना है.इस समय पतंजलि ग्रुप की एकमात्र कंपनी पतंजलि फूड्स ही शेयर बाजार में लिस्टेड है.यह कंपनी पहले रुचि सोया के नाम से शेयर बाजार में लिस्ट थी.पतंजलि आयुर्वेद ने साल 2019 में इस कंपनी को 4,350 करोड़ रुपये में खरीद लिया था.
कंपनी कमा रही है मुनाफा
बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि का राजस्व लगातार बढ़ रहा है. यह वित्त वर्ष 2021-2022 में बढ़कर 10, 664.46 करोड़ रुपये का हो गया है. यह वित्त वर्ष 2020-2021 में 9,810.74 करोड़ रुपये का था. हालांकि कंपनी के मुनाफे में थोड़ी कमी दर्ज की गई है. वित्त वर्ष 2021-2022 में थोड़ा कम 740.38 करोड़ रुपये रहा.यह वित्त वर्ष 2020-2021 में 745.03 करोड़ रुपये का था.
पतंजली की एएफएमसीजी बिजनेस का राजस्व बढ़कर 9241.27 करोड़ का हो गया है. यह पिछले वित्तवर्ष में 8778.03 करोड़ का था. वहीं इसके आयुर्वेद बिजनेस का राजस्व पिछले वित्तवर्ष के 925.09 करोड़ की तुलना में बढ़कर 1273.92 करोड़ रुपये हो गया है.