अलग अलग प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं के आने पर बिहार में किसानों को अक्सर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ता है, जिससे फसल का नुकसान होता है। किसानो के इस नुकसान को कम करने के लिए, बिहार सरकार ने 2024 में बिहार राज्य फसल सहायता योजना शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य उन किसानों का समर्थन करना है जिनकी फसलों को 20% या अधिक का नुकसान हुआ है। यह एक अच्छी योजना है, बहुत जयदा नुकसान होने के कारन कई किसान ऐसे है जो आत्महत्या करने की कोसिस करते है। पर अब अच्छे दिन आ गए है। इस योजना से हर वो किसान को मदत मिलेगी जिसे नुकसान हुआ है।
बिहार राज्य फसल सहायता योजना
- वित्तीय सहायता: जिन किसानों की फसलें बाढ़ या सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं से क्षतिग्रस्त हो गई हैं, उन्हें इस योजना के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त होगी। राशि हानि की सीमा के आधार पर भिन्न होती है।
- मुआवजा: किसानों को 20% से कम नुकसान पर ₹7500 प्रति हेक्टेयर और 20% से अधिक नुकसान पर ₹10,000 प्रति हेक्टेयर मिलेगा।
- ऑनलाइन आवेदन कैसे कर सकते है: धान, मक्का या सोयाबीन जैसी फसलें उगाने वाले किसानों को ऑनलाइन आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। आवेदन प्रक्रिया 18, 2021 से शुरू हुई और 31 जुलाई, 2021 (नया डेट जल्द ही अपडेट कर दिया जायेगा) तक जारी रहेगी।
योजना के लाभ
- नुकसान के लिए सहायता: जिन किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल क्षति हुई है, उन्हें सीधे उनके बैंक खातों में वित्तीय सहायता प्राप्त होगी।
- प्रत्यक्ष हस्तांतरण: सरकार सहायता सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में स्थानांतरित करेगी, इसलिए, एक लिंक्ड बैंक खाता और आधार कार्ड होना आवश्यक है।
आवश्यक दस्तावेज़ और पात्रता
- निवास: आवेदक बिहार का निवासी होना चाहिए।
- फसल क्षति: केवल वे किसान जिनकी फसलें प्राकृतिक आपदाओं से नष्ट हो गई हैं, आवेदन करने के पात्र हैं।
- दस्तावेज़: आवश्यक दस्तावेज़ों में आधार कार्ड, पहचान पत्र, बैंक खाता विवरण, कृषि भूमि दस्तावेज़ और एक मोबाइल नंबर शामिल हैं।
आपको बता दें इस योजना को लागू करके, बिहार सरकार का लक्ष्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण उत्पन्न चुनौतीपूर्ण समय के दौरान किसानों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करना है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि वे अनुचित वित्तीय बोझ का सामना किए बिना खेती जारी रख सकें।