बांके बिहारी मंदिर के बाहर लगवाए बैनर
दरअसल, फिरोजाबाद की रहने वाली शशि सिंह ने मंदिर में फूल बंगला बनवाया। 21 जुलाई को दोपहर में राजभोग आरती हुई। उन्होंने बाल गोपाल को वहां बने एक आले में विराजमान कर दिया। इसके बाद वह अपना प्रसाद लेने चली गईं। जब वह वापस आईं तो उनको भगवान वहां नहीं मिले। अब बाल गोपाल के गुम होने के बाद भक्त सुध-बुध खो बैठी है। उनकी एक ही उम्मीद है कि उनके आराध्य वापस जरूर आएंगे। अब महिला ने अखबार में विज्ञापन देकर सूचना देने वाले को 10 हजार रुपये देने की भी घोषणा की है। शशि सिंह फिरोजाबाद के टूंडला क्षेत्र के गांव बाघई में रहती हैं। जब से बाल गोपाल गुम हुए हैं, उनकी आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं।
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27 साल से बाल गोपाल की पूजा-अर्चना कर रहीं शशि को उनके गायब होने के बाद मंदिर सूना-सूना लग रहा है। शशि बताती हैं कि बाल गोपाल की स्थापना उन्होंने 27 साल पहले 1995 में अपने घर के मंदिर में की थी, तभी से वह हर दिन उनको नहलाती, श्रृंगार करती और भोग लगाती थीं।