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सांप का जहर इन बीमारियों में होता है असरदार, सुनकर आप भी रह जाएंगे दंग….

Snake Venom Benefits:  सांप का नाम सुनते ही लोगो के दिलों में खौप पैदा हो जाती है। अब तक आप ने सुना होगा की सांप का जहर काफी ज्यादा खतरनाक होता है।  लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुदरत का ये अनमोल जीव हमारे लिए फायदेमंद भी साबित हो सकता है। जी हां, ये सुनने में आपको अजीब जरुर लग रहा होगा लेकिन ये सच है। दुनिया में वैसे तो बहुत सारे दिवस मनते हैं लेकिन कुछ सेलिब्रेशन अनोखे होते हैं, जैसे 16 जुलाई  जिसे विश्व सांप दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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सांपों की 3,000 से अधिक प्रजातियां

क्या आप जानते है धरती पर  सांपों की 3,000 से अधिक प्रजातियां हैं। ये अंटार्कटिका, आइसलैंड, आयरलैंड, ग्रीनलैंड और न्यूजीलैंड को छोड़कर हर जगह पाए जाते हैं। इन सभी प्रजातियों में तकरीबन 600 प्रजातियां जहरीली होती हैं, और महज 200 प्रजातियां ही 100 फीसदी विषैली होती हैं, और इंसानो को मारने या बुरी तरह से  घायल करने में सक्षम होती हैं। इनकी प्रजातियां चार परिवारों के अंतर्गत आती हैं – कोलुब्रिडे, एलापिडे, हाइड्रोफिडे और वाइपरिडे, रसेल वाइपर, करैत और कोबरा भारत में सबसे ज्यादा काटने वाले सांपों की प्रजातियों में से हैं

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सांप का जहर इंसानो के लिए फायदेमंद

लोग सांपों से डरते हैं क्योंकि कुछ सांपों का जहर जानलेवा होता है। सांप के जहर का इलाज सिर्फ एंटी-वेनम सीरम या एंटी-टॉक्सिन सीरम होता है, ये भी सांप के जहर से ही बनते हैं। अब सांप के जहर की इतनी वेराइटी है, तो जाहिर है, उनके फायदे भी कई तरह के होंगे। सांप के जहर से ऐसी दवाएं बनाई जाती हैं, जो दिल की बीमारियों  से लड़ने में काम आती हैं।

वहीं सांप के विष का दवाइयां बनाने में इस्तेमाल, दूसरे कुदरती जहर के इस्तेमाल का रास्ता दिखाता है। खास तौर से हाई ब्लड प्रेशर से लड़ने में सांप के जहर से बनी दवाएं काफी इस्तेमाल हो रही हैं। दिल के दौरे और हार्ट फेल होने की स्थिति में भी सांप के जहर से बनी दवाएं बहुत कारगर हैं।

बरसात में सांप काटने के मामले सबसे ज्यादा

सर्पदंश के बाद भारत में ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में घर में होने वाले इलाज की वजह से होने वाले मौतों के मामले के साथ लगभग 70% मामले भारत के 8 अत्यधिक बारिश वाले राज्यों में दर्ज होते हैं। 70 साल की उम्र से पहले भारतीयों में सर्पदंश से मरने वालो का आंकड़ा इन इलाकों में 250 में लगभग 1 है,  लेकिन कुछ इलाकों में खास तौर से अधिक है। अनुमान के मुताबिक साल 2015 के बाद से  1.11 से लेकर 1.77 मिलियन सर्पदंश के मामले आए।

लगभग  70% मामलो  में विष के लक्षण दिखाए लेकिन सही और वक्त पर इलाज मिलने से  भारत में सर्पदंश मृत्यु दर में काफी कमी दर्ज हुई है। भारत में बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, यूपी, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना,  राजस्थान और गुजरात राज्यों में घनी आबादी वाले और कम ऊंचाई वाले कृषि क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को इस अवधि के दौरान 70% मौतों का सामना करना पड़ा है। 2001-2014 के दौरान खासकर बरसात के समय में सर्प दंश के मामले सबसे ज्यादा दर्ज हुए हैं।

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