Surya Grahan 2022 देश में आज कोलकाता समेत भारत के ज्यादातर हिस्सों में आंशिक सूर्यग्रहण दिखेगा. खगोलशास्त्री देबी प्रसाद दुआरी का कहना है कि साल 2022 में दूसरी बार कोलकाता में यह आंशिक सूर्यग्रहण दिखेगा, लेकिन बहुत कम समय तक इसे देखा जा सकेगा. भारत के अलावा यूरोप, उत्तरी अफ्रीका, मध्य एशिया और एशिया के अन्य क्षेत्रों में इसे देखा जा सकेगा.
कोलकाता में इतने बजे से होगी शुरुआत Surya Grahan 2022
खगोलशास्त्री दुआरी कहते हैं, ‘आंशिक सूर्यग्रहण की शुरुआत आइसलैंड के आसपास भारतीय समयानुसार दोपहर करीब दो बजकर 20 मिनट पर होगी और शाम साढ़े चार बजे इसे पूर्ण रूप में रूस के आकाश में देखा जा सकेगा. इस सूर्यग्रहण की समाप्ति शाम 6 बजकर 32 मिनट पर अरब सागर के ऊपर होगी.’
अमावस्या के दिन सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी करीब-करीब एक सीधी रेखा में होंगे. 25 अक्टूबर को सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक समान पटल पर होंगे, जिससे चंद्रमा थोड़े समय के लिए आंशिक रूप से सूर्य को ढंक लेगा. इससे चंद्रमा के छाया क्षेत्र में पड़ने वाले क्षेत्रों में आंशिक सूर्यग्रहण देखने को मिलेगा. कोलकाता में आंशिक सूर्य ग्रहण की शुरुआत शाम 4 बजकर 52 मिनट पर होगी, जो शाम 5 बजकर 1 मिनट पर अपने सर्वोच्च स्तर पर होगा, लेकिन सूर्यास्त के कारण यह शाम 5 बजकर तीन मिनट के बाद नहीं दिखेगा.
नई दिल्ली के लिए यह है समय
नई दिल्ली में इसकी शुरुआत शाम 4 बजकर 29 मिनट पर होगी और शाम 6 बजकर 9 मिनट पर खत्म होगा, लेकिन 5 बजकर 42 मिनट पर यह अपने सर्वोच्च स्तर पर होगा. इस दौरान चंद्रमा सूर्य के 24.5 फीसदी हिस्से को ढंक लेगा.
राजस्थान के जैसलमेर में सूर्यग्रहण शाम 4 बजकर 26 मिनट पर दिखना शुरू होगा जो शाम 6 बजकर 9 मिनट तक रहेगा, जबकि इसका सर्वोच्च स्तर साढ़े पांच बजे दिखेगा.
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मुंबई में सूर्यग्रहण शाम 4 बजकर 49 मिनट पर दिखना शुरू होगा जो शाम 6 बजकर 9 मिनट तक रहेगा, जबकि इसका सर्वोच्च स्तर 5 बजकर 42 मिनट पर दिखेगा.
दक्षिण और मध्य भारत में सूर्य ग्रहण शाम 4 बजकर 49 मिनट से शाम 5 बजकर 42 मिनट तक रहेगा.
भारत में कुछ जगहों पर नहीं दिखेगा सूर्यग्रहण
भारत में सूर्यास्त के पहले अपराह्न में ग्रहण आरम्भ होगा और इसे अधिकांश स्थानों से देखा जा सकेगा. हांलाकि ग्रहण अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह व उत्तर-पूर्व भारत के कुछ स्थानों (जिनमें से कुछ के नाम हैं आइजॉल, डिब्रूगढ़, इम्फाल, इटानगर, कोहिमा, सिबसागर, सिलचर, तामलोंग इत्यादि) से नहीं दिखाई देगा. ग्रहण का अंत भारत में दिखाई नहीं देगा क्योंकि वह सूर्यास्त के उपरांत भी जारी रहेगा.
भारत में उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में अधिकतम ग्रहण के समय सूर्य पर चंद्रमा द्वारा आच्छादन लगभग 40 से 50 प्रतिशत के बीच होगा. देश के अन्य हिस्सों में आच्छादन का प्रतिशत उपरोक्त मान से कम होगा. दिल्ली एवं मुम्बई में अधिकतम ग्रहण के समय चंद्रमा द्वारा सूर्य के आच्छादन का प्रतिशत क्रमश: 44 प्रतिशत एवं 24 प्रतिशत के लगभग होगा.
करीब सवा घंटे का होगा सूर्यग्रहण
ग्रहण की अवधि प्रारम्भ से लेकर सूर्यास्त के समय तक दिल्ली और मुम्बई में क्रमश: 1 घंटे 13 मिनट और 1 घंटे 19 मिनट की होगी. चेन्नई एवं कोलकाता में ग्रहण की अवधि प्रारम्भ से लेकर सूर्यास्त के समय तक क्रमश: 31 मिनट और 12 मिनट की होगी. ग्रहण यूरोप, मध्य पूर्व, अफ्रीका के उत्तर-पूर्वी हिस्सों, पश्चमी एशिया, उत्तर अटलांटिक महासागर और उत्तर हिंद महासागर के क्षेत्रों में दिखाई देगा.