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जिसे अपना बेटा समझ दफनाया था, वह निकला कोई और, खुला कब्र का राज तो चौंक गए परिजन

RAIPUR TIMES उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले में एक बेहद ही चौंका देने वाला मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। बता दें कि UP के कौशाम्बी में एक युवक का शव रेलवे ट्रैक पर मिला था, जिसे एक मुस्लिम परिवार ने उसे अपना बेटा रमजान समझकर दफना दिया था। इसके कुछ दिन बाद फतेहपुर के एक हिंदू परिवार ने शव पर अपने बेटे सूरज होने का दावा कर दिया था। इसकी जांच के लिए शव निकालकर डीएनए टेस्ट कराया जा रहा था। इसी बीच मुस्लिम परिवार का बेटा जिंदा वापस आ गया। इसी बीच रमजान नाम के युवक ने पुलिस के सामने आकर मामले में नया ट्विस्ट ला दिया है।

बता दें कि 11 जून को सैनी कोतवाली क्षेत्र के मारधार रेलवे स्टेशन के पास एक युवक ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली थी। इस सूचना पर पहुंची पुलिस द्वारा शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। उसके बाद पुलिस ने इलाके में जितने लोग मिसिंग थे, उनके परिजन को बुलाकर शव की शिनाख़्त करवाई। इसी दौरान बिजलीपुर गांव की रहने वाली शफीकुन्निशा ने शव की शिनाख्त अपने बेटे रमजान के रूप में की। शव की शिनाख्त होने के बाद पोस्टमार्टम किया गया और शव परिजनों को सौंप दिया गया। पिता शब्बीर ने शव गांव के ही कब्रिस्तान में दफ़न कर दिया, लेकिन आज अचानक बेटे के जिंदा लौटने पर मां-बाप की खुशी का ठिकाना नहीं है।

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शफीकुन्निशा का कहना है कि 4 माह से बेटे से बात नहीं हुई थी। हम लोग रो-रो कर पागल हुए जा रहे थे। जब पुलिस ने लाश को दिखाया तो हमने समझा कि हमारा बेटा है। शरीर की बनावट बेटे से मिल-जुल रहा था तो समझा हमारा बच्चा है। बता दें कि कब्र में दफन किए गए शव को लेकर फतेपुर जनपद के रहने वाले संतराज सैनी ने दावा किया है। एक महीने पहले कोतवाली पहुंचकर सैनी ने बताया कि उन्हीं का बेटा सूरज कब्र में दफन है। जिसके बाद जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने शव को कब्र से निकाल कर डीएनए कराने का आदेश दिया।

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रमजान ने बताया कि रोजगार नहीं होने पर माता-पिता उसे ताना मारा करते थे। इससे तंग आकर वह 4 माह पहले ही प्रयागराज भाग गया था और वहां मजदूरी करने लगा था। मोबाइल नहीं होने के कारण उसका गांव से संपर्क टूट गया। इसी दौरान शुक्रवार को ही गांव के ही एक व्यक्ति ने शहर में रमजान को देखा तो वह चौंक गया। गांव वालो ने रमजान को बताया कि ‘तुम्हारा तो गांव में अंतिम संस्कार हो गया है और कल 40वां है।” इसकी जानकारी होने पर रमजान तुरंत अपने घर पहुंचा, जहां उसे जीवित देख सब लोग दंग रह गए।

डीएम सुजीत कुमार के आदेश के बाद 3 जुलाई को दोनों परिवारों को बुलाया गया और कब्र से शव निकालकर सैंपल लिया गया उसके बाद डीएनए के लिए सैंपल लैब भेज दिया गया, लेकिन डीएनए रिपोर्ट आने से पहले ही रमजान घर वापस आ गया। हालांकि, डीएनए रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि शव सूरज का है या फिर किसी और का? ये रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा। फिरहाल अभी संतराज को डीएनए रिपोर्ट का इंतजार है।

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