छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के गोधन न्याय केंद्रों में तैयार हो रहे हैं गोबर से निर्मित दीए अपने अलग गुणवत्ता से पहचाने जाते हैं गोधन निर्मित दीया, अन्य जिलों से भी मिलने लगे आर्डर और होने लगी बिक्री
गोधन निर्मित दीया अब भिलाई निगम क्षेत्र अंतर्गत गोधन न्याय केंद्र और गौठान में तैयार हो रहे हैं। महिलाएं दीया बनाने में जुट गई है। हर साल की तरह इस साल भी गोधन निर्मित दीया अपने प्रकाश से शहर के घरों को रौशन करेगा। महिलाओं के पास अभी से दीयों के लिए ऑर्डर मिलने लगे हैं और बिक्री भी होने लगी है। दीयों की डिमांड इतनी है कि हाथों-हाथ बिक्री हो रही है। शहरी गौठान में जीवन ज्योति और शिव शक्ति महिला समूह के द्वारा दीया निर्माण का कार्य किया जा रहा है। यह समूह मिलकर दीया का निर्माण कर रही है। दीया निर्माण के लिए मशीनों की भी सहायता ली जा रही है ताकि अधिक से अधिक डिमांड की पूर्ति की जा सके। ऑर्डर के अनुरूप महिलाएं दीयों का निर्माण कर रही है। गोधन से निर्मित डेकोरेटिव दीए भी तैयार किए जा रहे हैं। अपने आकर्षक रंगों, क्वालिटी एवं स्थानीयता की वजह से गोधन निर्मित दीया की मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। यह दीया पूर्ण रूप से इको फ्रेंडली है जिसे एक बार उपयोग करने के पश्चात खाद के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। दीपावली पर्व के त्यौहार को देखते हुए गोधन निर्मित दीया का निर्माण किया जा रहा है।
स्व सहायता समूह की महिला पूनम साहू ने बताया कि बहुत से दीया की बिक्री हो चुकी है तथा कई सारे आर्डर मिल चुके हैं । जिसमें से सूर्या विहार से 500 आर्डर, रायपुर से 1200 दीया का ऑर्डर, रिसाली से 300 दीया का आर्डर तथा गांधी नगर सरकारी स्कूल से 150 दीयों का ऑर्डर मिला है इसके अलावा भी लगातार दीया खरीदने के लिए लोग पहुंच रहे हैं। गोधन निर्मित दीया खरीदने आए मोहन पांडे ने बताया कि चाइनीस झालरो से अच्छा है कि स्थानीयता एवं संस्कृति को अपनाते हुए गोधन निर्मित दीया का उपयोग किया जाए और इससे ही घर रोशन किया जाए, पारंपरिक त्यौहार में प्रकृति से जुड़ने का भी मौका मिलता है। खुर्सीपार में गोधन निर्मित दीया खरीदने आए हुए सोमेश निषाद ने दीया खरीदते हुए बताया कि उन्होंने त्यौहार को देखते हुए गोधन से निर्मित दीयों की खरीदारी की है इको फ्रेंडली होने के कारण इस दीया का उपयोग त्योहार के लिए करेंगे। उल्लेखनीय है कि महापौर नीरज पाल एवं निगम आयुक्त रोहित व्यास ने गोधन निर्मित दीया की गुणवत्ता बरकरार रखने स्व सहायता समूह की महिलाओं को निर्देशित किया है तथा गोधन निर्मित दीया अपनाने की अपील भी की है।