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विश्व तंबाकू निषेध दिवस” को मनाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी – “तंबाकू हमारे पर्यावरण के लिए खतरा” थीम पर मनाया जाएगा वर्ल्ड नो टोबैको डे

 RAIPUR TIMES रायपुर. 19 मई 2022, तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। तंबाकू या तंबाकू से संबंधित उत्पादों का सेवन करने वालों को कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। बावजूद इसके बड़ी संख्या में लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू (बीड़ी, सिगरेट, गुटखा आदि) का सेवन करते हैं। इसलिए लोगों को तंबाकू के नुकसान के प्रति जागरूक करने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने को प्रेरित करने के लिए प्रत्येक वर्ष 31 मई को “विश्व तंबाकू निषेध दिवस” मनाया जाता है। इस आयोजन को मनाए जाने के संबंध में संचालक स्वास्थ्य सेवाएं, छत्तीसगढ़ नीरज बंसोड़ ने सभी जिलों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत पूरे एक माह

-no-tobacco-day- तक तंबाकू का सेवन न करने के प्रति जन-जागरूकता के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
इस संबंध में जानकारी देते हुए राज्य नोडल अधिकारी तंबाकू नियंत्रण डॉ. कमलेश जैन ने बताया: “तंबाकू युक्त पदार्थों का सेवन करने से ना सिर्फ हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है बल्कि कई गंभीर बीमारियों के होने का खतरा भी रहता है, इसके अतिरिक्त तंबाकू अपने पूरे जीवनचक्र में पृथ्वी को प्रदूषित भी करती है। इसलिए इस वर्ष “तंबाकू हमारे पर्यावरण के लिए खतरा” थीम पर 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाएगा। उक्त आयोजन के लिए भारत सरकार से प्राप्त निर्देश के अनुसार इस वर्ष , तंबाकू से होने वाले दुष्प्रभाव के साथ ही पर्यावरण पर होने वाले नुकसान से अधिकारियों, विशेषकर बच्चों को अवगत कराने के लिए जिलों में खास गतिविधियां विभिन्न विभागों के समन्वय से आयोजित होंगी। इसी के संबंध में स्वास्थ्य संचालक छत्तीसगढ़ के मार्गदर्शन में राज्य में भी इस दिवस पर विशेष जन-जागरूकता गतिविधियां आयोजित होंगी। “

सभी विभागों के समन्वय से होंगे कार्यक्रम – भारत सरकार से प्राप्त निर्देश के अनुसार इस वर्ष , तंबाकू से होने वाले दुष्प्रभाव के साथ ही पर्यावरण पर होने वाले नुकसान से अधिकारियों, विशेषकर बच्चों को अवगत कराने के लिए जिलों में खास गतिविधियां विभिन्न विभागों के समन्वय से आयोजित होंगी। इसके तहत जन-जागरूकता कार्यक्रम रैली, रेडियो, माईकिंग, झांकी, साइकिलिंग, नुक्कड़ नाटक आयोजित होंगे। सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में “नो तंबाकू” की शपथ दिलाए जाने तथा योग शिविर भी लगाए जाएंगे। इसके साथ ही सोशल मीडिया जैसे- फेसबुक, दैनिक अखबार के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। साथ ही साथ जिला स्तर पर कार्ययोजना तैयार कर ब्लॉक स्तर पर तंबाकू निषेध कार्यक्रम चलाया जाएगा। स्कूल, कॉलेज एवं कार्यालयों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए अंतर्विभागीय समन्वय का और अधिक प्रयास किया जाएगा। इसके साथ ही तंबाकू निषेध संबंधी जागरूकता के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं( चित्रकला, निबंध एवं पोस्टर ) आयोजित होंगी तथा मई माह के प्रत्येक सप्ताह में प्रवर्तन दल द्वारा चालानी कार्यवाही कोटपा के विभिन्न धाराओं पर किया जाना मुख्य है।

विश्व पर्यावरण दिवस पर होगा विशेष कार्यक्रम- स्वास्थ्य संचालक नीरज बंसोड़ की ओर से जारी निर्देश के अनुसार 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष गतिविधियां पर्यावरण विभाग के साथ समन्वय कर आयोजित होंगी। साथ ही साथ मई के पूरे माह तंबाकू निषेध कार्यक्रम आयोजित कर सभी सरकारी कार्यालय, शैक्षणिक संस्थान, पंचायत, गांव, धूम्रपान या तंबाकू मुक्त घोषित कराने का प्रयास किया जाएगा।

प्रदेश की स्थिति चिंतनीय – वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण 2019 के अनुसार छत्तीसगढ़ में 39.1 प्रतिशत लोग तंबाकू या तंबाकू युक्त पदार्थों का सेवन करते हैं। इनमें गुड़ाखू (तंबाकू युक्त नशीला पदार्थ) का सेवन करने वाली महिलाएं भी शामिल हैं। साथ ही साथ 13 से 15 वर्ष के स्कूल जाने वाले 8 प्रतिशत बच्चे भी तंबाकू या तंबाकू युक्त पदार्थों का सेवन करते हैं। प्रदेश के लिए यह चिंतनीय है इसलिए तंबाकू नियंत्रण की दिशा में और अधिक प्रयास करने की जरूरत है।
तंबाकू के सेवन से कई बीमारियों का खतरा – विशेषज्ञ बताते हैं कि तंबाकू के सेवन से कई गंभीर और जानलेवा बीमारियों के होने का खतरा रहता है। इसमें फेफड़े का कैंसर, लिवर कैंसर, मुंह का कैंसर, कोलन कैंसर, गर्भाशय का कैंसर, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और हृदय रोग जैसी बीमारियां शामिल हैं।

नशा सेवन छोड़ने के फायदे- धूम्रपान ना करने के कई फायदे है। धूम्रपान बंद करने पर उच्च हृदय गति और रक्त चाप में कमी आती है, खून में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर घटकर सामान्य हो जाता है, शरीर के भीतर खून का प्रवाह और फेफड़ों की कार्य क्षमता बढ़ती है, दिल से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा धूम्रपान करने वालों की तुलना में आधा हो जाता है, मस्तिष्काघात का खतरा कम होगा, मुंह, गले, मूत्राशय, अग्नाशय, गर्भाशय और फेफड़ों का कैंसर होने का खतरा कम हो जाएगा।

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