
RAIPUR रायपुर जन्माष्टमी Janmashtami पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक ऐसी अनूठी परंपरा निभाई जाती है, जो शायद ही कहीं निभाई जाती हो। रायपुर के सबसे पुराने सिटी कोतवाली थाने के लॉकअप में भगवान कृष्ण का जन्म होता है। और फिर वासुदेव आधी रात सड़कों पर निकलते हैं।
शुक्रवार की रात भी ऐसा ही हुआ। 12 बजते ही थाने के भीतर से बच्चे के रोने की आवाज आई । इसके बाद बाहर बैठे प्रहरी बने थाने के कॉन्स्टेबल गहरी नींद में सो गए । लॉकअप खुला माता देवकी वासुदेव को लेकर बाहर आई। माता देवकी के सिर पर टोकरी में बाल गोपाल भी थे। हाथ पैर बेड़ियों में जकड़े थे।
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पुराणों में बताए गए भगवान कृष्ण के जन्म के इस दृश्य को नाटकीय ढंग से श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव एवं विकास समिति दिखाती है । वासुदेव और देवकी बने कलाकार भगवान कृष्ण रूपी बालस्वरूप को लॉकअप से लेकर बाहर आते हैं। सिटी कोतवाली से कुछ ही कदम की दूरी पर सदर बाजार के गोपाल मंदिर में यह टोली पहुंचती है यहां नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की गीत पर सभी नाचते झूमते हैं।
8 साल से निभाई जा रही परंपरा
आयोजन समिति के प्रमुख माधव लाल यादव ने बताया कि पिछले 8 सालों से इस परंपरा को निभाया जा रहा है। समिति के लोगों ने इससे पहले सरकार से सेंट्रल जेल परिसर में इस कार्यक्रम का आयोजन करने की अनुमति मांगी थी। सुरक्षा कारणों से जेल में अनुमति नहीं मिली, मगर सिटी कोतवाली थाने में इसके बाद लॉकअप के भीतर जन्माष्टमी Janmashtami मनाने की परंपरा चल पड़ी । माधव लाल यादव बताते हैं कि पुराणों में कंस के कारागार में भगवान के जन्म होने का जिक्र मिलता है उसी तरह हम इस जन्मोत्सव को लॉकअप में मनाते हैं।
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