RAIPUR TIMES Single Use plastic ban: एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह पाबंदी लग जाएगी। इससे लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर भी काफी असर पड़ेगा। अब ऑनलाइन ऑर्डर पर प्लास्टिक के बजाय पेपर बाउल में खाने की होम डिलिवरी होगी। प्लास्टिक के बजाय लकड़ी और बांस के बने चम्मच मिलेंगे तो खाने की पैकेजिंग अनाज व पौधों से बनी पीएलए कोटेड पॉलिथिन से होगी। यही नहीं, बेकरी में लोगों को केक के साथ प्लास्टिक की जगह लकड़ी के चाकू दिए जाएंगे।
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Single Use plastic ban देश में कई सारे प्रोडक्ट्स हैं, जिनमें प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है. चाहे फिर वो आपकी पसंदीदा कैंडी हो या फिर किसी भी चीज की प्लास्टिंग से पैकिंग. लेकिन अब से आपको सिंगल यूज ऑफ प्लास्टिक नजर नहीं आएगा. क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 4 साल पहले सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) के इस्तेमाल को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने की शपथ ली थी. इसके बाद अब 1 जुलाई (1 july ) से इन रूल्स को पूरी तरह फॉलो किया जाएगा. अब से Single Use Plastic के इस्तेमाल पर बैन लगेगा. आइए जानते हैं क्या है इसको लेकर नई गाइडलाइन.
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1 जुलाई से Single Use Plastic का नहीं होगा इस्तेमाल, बेचने और बनाने वालों के लिए नया नियम लागू
इन वस्तुओं पर लगेगा प्रतिबंधित
1 जुलाई से देश के सभी राज्यों में कम उपयोगिता और ज्यादा कूड़ा पैदा करने वाली ऐसी करीब 19 वस्तुओं के निर्माण, भंडारण, आयात, वितरण, बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तरह से बैन लग जाएगा. यहां जानें कौन-सी वस्तुओं पर लगेगा प्रतिबंधित.
स्ट्रॉ (पेय पदार्थ पीने वाला पाइप)
स्टिरर ( पेय पदार्थ घोलने वाली प्लास्टिक की छड़)
इयर बड
कैंडी
गुब्बारे जिसमें प्लास्टिक की छड़ लगी होती है
प्लास्टिक के बर्तन (चम्मच, प्लेट आदि)
सिगरेट के पैकेट
Single Use plastic ban पैकेजिंग फिल्म और साज सज्जा में इस्तेमाल होने वाला थर्मोकोल
बता दें अगर कोई भी इकाई प्रतिबंधित वस्तु बेचते हुए पाई जाती है, तो उसका व्यापारिक लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. इसको लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB)ने अपनी राज्य की एजेंसियों को निर्देशित कर दिया है. इसके अलावा कस्टम विभाग को इन वस्तुओं के आयात को रोकने के लिए कहा गया है.
वहीं पेट्रोकेमिकल उद्योगों को भी इन वस्तुओं के प्रोडक्शन में लगे उद्योगों को कच्चा माल मुहैया नहीं कराने के निर्देश दिए गए हैं. इस प्रतिबंध के लागू होते ही भारत भी उन 60 देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा, जो सिंगल यूग प्लास्टिक के कचरे को कम करने के लिए यह कदम उठा चुके हैं. लेकिन प्रतिबंध से ज्यादा अहम इसका पालन करना और करवाना होगा. जिसे हासिल करने के लिए सरकार को कड़ी निगरानी रखनी होगी.