RAIPUR TIMES रायपुर: छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में यह परंपरा कई वर्षो से चली आ रही है, जिसका निर्वहन ग्रामीण बखूबी कर रहे है। छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में आज भी बारिश का सीजन आने के बाद मेंढक व मेंढकी की शादी कराई जाती है। इस संबंध में ग्रामीणों के बीच मान्यता है कि मेंढ़क और मेंढकी का विवाह कराने से क्षेत्र में अच्छी बारिश होती है जिससे उस क्षेत्र के किसान अच्छी खेती कर सकते हैं।
the bride and groom make up the frog जिस इलाके में बारिश नहीं हो रही होती है और लोगों को लगता है कि इससे खेती पिछड़ जाएगी तो वे मेंढक-मेंढकी की शादी की तैयारियों में जुट जाते हैं। बाकायदा मेंढ़क को दूल्हा और मेंढकी को दुल्हन बनाया जाता है। गाजे-बाजे के साथ दूल्हे को लेकर बाराती आते हैं और मेंढ़की से शादी कराते हैं। इसके बाद उन्हें छोड़ दिया जाता है।